The Definitive Guide to Shodashi
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एकान्ते योगिवृन्दैः प्रशमितकरणैः क्षुत्पिपासाविमुक्तैः
साहित्याम्भोजभृङ्गी कविकुलविनुता सात्त्विकीं वाग्विभूतिं
कामेश्यादिभिरावृतं शुभ~ण्करं श्री-सर्व-सिद्धि-प्रदम् ।
Darshans and Jagratas are pivotal in fostering a way of Neighborhood and spiritual solidarity among the devotees. In the course of these functions, the collective Vitality and devotion are palpable, as members interact in a variety of types of worship and celebration.
सा मे दारिद्र्यदोषं दमयतु करुणादृष्टिपातैरजस्रम् ॥६॥
ह्रीं श्रीं क्लीं त्रिपुरामदने सर्वशुभं साधय स्वाहा॥
पुष्पाधिवास विधि – प्राण प्रतिष्ठा विधि
संरक्षार्थमुपागताऽभिरसकृन्नित्याभिधाभिर्मुदा ।
The legend of Goddess Tripura Sundari, also referred to as Lalita, is marked by her epic battles from forces of evil, epitomizing the Everlasting battle involving fantastic and evil. Her tales are not just tales of conquest and also carry deep philosophical and mythological importance.
ह्रीङ्काराङ्कित-मन्त्र-राज-निलयं श्रीसर्व-सङ्क्षोभिणी
यत्र श्रीत्रिपुर-मालिनी विजयते नित्यं निगर्भा स्तुता
Her role transcends the mere granting of worldly pleasures and extends for the purification of your soul, leading to spiritual enlightenment.
The Goddess's victories are celebrated as symbols of the final word triumph of good over evil, reinforcing the moral fabric from the universe.
यह साधना करने वाला व्यक्ति स्वयं कामदेव के समान हो जाता है और वह साधारण व्यक्ति न रहकर लक्ष्मीवान्, पुत्रवान व स्त्रीप्रिय होता है। उसे वशीकरण की विशेष शक्ति प्राप्त होती है, उसके अंदर एक विशेष आत्मशक्ति का विकास होता है और उसके जीवन के पाप शान्त होते है। check here जिस प्रकार अग्नि में कपूर तत्काल भस्म हो जाता है, उसी प्रकार महात्रिपुर सुन्दरी की साधना करने से व्यक्ति के पापों का क्षय हो जाता है, वाणी की सिद्धि प्राप्त होती है और उसे समस्त शक्तियों के स्वामी की स्थिति प्राप्त होती है और व्यक्ति इस जीवन में ही मनुष्यत्व से देवत्व की ओर परिवर्तित होने की प्रक्रिया प्रारम्भ कर लेता है।