A Simple Key For Shodashi Unveiled

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ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं ऐं सौः: ॐ ह्रीं श्रीं क ए ऐ ल ह्रीं ह स क ह ल ह्रीं स क ल ह्रीं सौः: ऐं क्लीं ह्रीं श्रीं 

वास्तव में यह साधना जीवन की एक ऐसी अनोखी साधना है, जिसे व्यक्ति को निरन्तर, बार-बार सम्पन्न करना चाहिए और इसको सम्पन्न करने के लिए वैसे तो किसी विशेष मुहूर्त की आवश्यकता नहीं है फिर भी पांच दिवस इस साधना के लिए विशेष बताये गये हैं—

The reverence for Goddess Tripura Sundari is apparent in the way in which her mythology intertwines With all the spiritual and social cloth, giving profound insights into the character of existence and the path to enlightenment.

॥ अथ त्रिपुरसुन्दर्याद्वादशश्लोकीस्तुतिः ॥

Following 11 rosaries on the 1st day of commencing While using the Mantra, you are able to bring down the chanting to at least one rosary every day and chant eleven rosaries around the eleventh day, on the final day within your chanting.

ईड्याभिर्नव-विद्रुम-च्छवि-समाभिख्याभिरङ्गी-कृतं

षोडशी महात्रिपुर सुन्दरी का जो स्वरूप है, वह अत्यन्त ही गूढ़मय है। जिस महामुद्रा में भगवान शिव की नाभि से निकले कमल दल पर विराजमान हैं, वे मुद्राएं उनकी कलाओं को प्रदर्शित करती हैं और जिससे उनके कार्यों की और उनकी अपने भक्तों के प्रति जो भावना है, उसका सूक्ष्म विवेचन स्पष्ट होता है।

Within the sixteen petals lotus, Sodhashi, who is the form of mom is sitting with folded legs (Padmasana) removes all of the sins. And fulfils the many wishes together with her 16 varieties of arts.

हन्यादामूलमस्मत्कलुषभरमुमा भुक्तिमुक्तिप्रदात्री ॥१३॥

Additional from this Creator Bhairavi Sharma is surely an creator of three novels on Amazon. She has long been working towards meditation from the time she was ten years aged. Whatever she shares on her own blog site and listed here, on Mystical Bee, originates from studying, exploration and encounter.

Known as the goddess of wisdom, Shodashi guides her devotees toward clarity, Perception, and here better awareness. Chanting her mantra enhances intuition, assisting folks make clever selections and align with their internal truth. This benefit nurtures a life of integrity and goal.

The earth, as a manifestation of Shiva's consciousness, holds The main element to liberation when a single realizes this essential unity.

तिथि — किसी भी मास की अष्टमी, पूर्णिमा और नवमी का दिवस भी इसके लिए श्रेष्ठ कहा गया है जो व्यक्ति इन दिनों में भी इस साधना को सम्पन्न नहीं कर सके, वह व्यक्ति किसी भी शुक्रवार को यह साधना सम्पन्न कर सकते है।

प्रासाद उत्सर्ग विधि – प्राण प्रतिष्ठा विधि

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